5 Simple Statements About Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana Explained
डर से लड़ने के लिए मानसिक शक्ति कैसे बढ़ाएं
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याद रहे इस दुनिया में हर कोई बस अपना रोल निभाने ही आया है. हम खुद भी अकेले आये थे और अकेले ही जाना है, फिर डर कैसा यार.
आप सकारात्मक दृष्टिकोण से अलग अलग चिंताओं और डर को दूर कर सकते हैं।
ऐसा लगना, जैसे आप बेहोश हो जाएंगे या मर जाएंगे
इन आसान टिप्स की मदद से आप अपने डर पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। चित्र अडोबी स्टॉक
यदि आप हमेशा सोचते हैं तो सबसे पहला कदम सक्रत्मकता हैं
यकीन मानिए डर को दूर करने का ये तरीका बहुत ही ज्यादा कारगर साबित होगा.
ज्यादा डर लगने से होता यह हैं मन में ऐसे विचार और घटनाएं आने लगती हैं, मन ऐसी घटनाओं की कलपना करने लगता हैं जो वास्तव में घटित ही नहीं हुईं होती हैं। यहीं डर लगने का मूल और असली कारण होता हैं अर्थात् डर लगने से आप और डरते हैं।
मै किसी के साथ कोई मनमुटाव नहीं रखना चाहता. तो इस तरीके से कोई ना कोई हल जरूर निकल जाएगा. अगर आपको सामने वाले से मिलने जाना है और अकेले जाने से डर रहे हैं तो साथ किसी विश्वासपात्र आदमी को लेकर जाइए.
इसमें पीड़ित व्यक्ति को किसी भी चीज, स्थान, परिस्थिति और वस्तु को लेकर डर हो सकता है। डर लगने website की स्थिति में अत्याधिक और ओवर रिएक्शन शामिल होता है। जब डर जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए तो वह मानसिक विकार का रूप ले लेता है।
आप जो परिणाम चाहते हैं उसकी कल्पना करें: अब जब आपको अपने डर की बेहतर समझ है, तो सोचकर देखें कि आप वास्तव में क्या बदलना चाहते हैं। बिना किसी डर के अपने जीवन का अनुभव लेते हुए अपनी कल्पना करें। आपको कैसा लगता है?
“मैं फेल हो जाऊँगा” → “मैंने पहले भी सीखा है, इस बार भी कर लूंगा”
वहां उसके साथ कुछ ऐसी बातें हो जाती हैं, या ऐसे काम हो जाते हैं या उसके आस पास ऐसे वाकये हो जाते हैं जिससे धीरे धीरे उसका डर बढ़ता चला जाता है.